ANIMAL WELFARE

Monday 10 June 2019

रांची की सोनाली एवं नील मजूमदार अब पिल्ले नहीं बेचेंगी - उनका लालन-पालन करेंगी विदेशी स्वान प्रजनन का व्यवसाय छोड़ कर अब गली कूचे के श्वानों के साथ जुड़ गई

ए.डब्लू. संवादसूत्र  : 10 जून 2019 रांची (झारखंड)


डॉ. शिवानंद काशी नोडल पदाधिकारी- राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड झारखंड ने बताया कि  झारखंड राज्य में प्रशिक्षण एवं जागरूकता का विशेष अभियान चलाया जा रहा है और लोगों में बड़ी तेजी के साथ जागरूकता आ रही है।उन्होंने बताया कि  शहर में स्थित  पशु कल्याण संस्था  "हेवन ऑफ जीसस एनिमल वेलफेयर ट्रस्ट" शुरू में स्वान प्रजनन का कार्य कर रहा था  किंतु पशु कल्याण कार्यों से प्रभावित होकर के अब पशुओं की प्राण रक्षा करने तथा पशु शरण स्थल पर लाकर उनकी सेवा-श्रुषा मे लिन हो गया है। पशु प्रेमियों में इस बदलाव का खूब चर्चा हो रही है।

डॉ. शिवानंद काशी ने बताया कि  अब लोग पशु कल्याण के लिए खुलकर के सामने आ रहे हैं जो एक शुभ संकेत है। "हेवन ऑफ जीसस एनिमल वेलफेयर ट्रस्ट" के इस बदलाव से कामकाज करने के तरीके बदल गए हैं।ट्रस्ट ने  कल  श्वानों में जन्म दर नियंत्रण कार्यक्रम का शिविर लगाया जिसमें 14 नर  और 26 मादा  अर्थात कुल 40 श्वानों की नसबंदी की गई।  डाक्टर शिवानंद काशी इस कार्यक्रम से अत्यंत प्रभावित है और उनका मानना है कि पूरे प्रदेश में स्वान जन्म दर नियंत्रण कार्यक्रम सफलतापूर्वक लागू किया जाएगा।  डॉक्टर शिवानंद काशी ने यह भी अवगत कराया कि "हेवन ऑफ जीसस एनिमल वेलफेयर ट्रस्ट" के इस महत्वपूर्ण निर्णय और निस्वार्थ सेवा को देख कर के  राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड झारखंड ने  भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड से मान्यता प्राप्त करने की सिफारिश की है ताकि संस्था को नियमित मार्गदर्शन एवं सहायता मिलना आरंभ हो जाए। संस्था की ओर से निल मजूमदार  ने सभी  पशु चिकित्सकों एवं सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।  उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के अनेक समर्पित पशु प्रेमी अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं जिसमें हरीश दानानी , गौरव ,अनिता आदित्य और धीरज  स्वान बंधारण कार्यक्रम में अपना योगदान दिए हैं।  नील मजूमदार को भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के मार्गदर्शन एवं सहयोग की विशेष आशा और भरोसा है।डॉ. शिवानंद काशी ने यह भी बताया कि झारखंड पशु चिकित्सा संघ के संगठन मंत्री डॉ धर्म रक्षित विद्यार्थी का अमूल्य योगदान मिल रहा है। 

इस कार्यक्रम को  प्रसारित करने के लिए  अभी कुछ दिन पहले राज्य पशु चिकित्सा अधिकारियों के एक निरीक्षण दल  द्वारा हटिया में स्थित "अभीराज केनेल का  अचानक निरीक्षण किया।  जिसके तहत प्रत्येक प्रजनक (ब्रीडर) को  यह आगाह कराया गया कि राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड झारखंड से निबंधन  अत्यंत आवश्यक है  और कोई भी  स्वान प्रजनक खुलेआम बिक्री नहीं कर सकता क्योंकि कुत्तों का प्रजनन और पिल्लो का विक्रय  बिना निबंधन के अवैधानिक है। निबंधन के लिए हर प्रजनक को ₹5000  आवेदन शुल्क जमा करना होगा।  कानून का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर अवैध प्रजनक श्वानों को जप्त कर लिया जाएगा। साथ ही  साथ  ट्रायल के दौरान स्वान पशु के भरण-पोषण चिकित्सा परिवहन बंध्याकरण इत्यादि   का ब्यय  स्वान स्वामी द्वारा वसूला जाएगा। आगे अभी बताया गया कि  स्वान प्रजनन  की न्यूनतम 1.5 वर्ष तथा अधिकतम 8 वर्ष आयु  निर्धारित की गई है। मादा स्वान  से 1 साल में एक तथा पूरे जीवन में 5 बार ही बार प्रजनन की अनुमति  निर्धारित की गई है। निरीक्षण समिति में डॉ. दयानंद प्रसाद,डॉ स्टैनली कुजुर एवं डॉ पुष्पांजलि शामिल थी।

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