ANIMAL WELFARE

Wednesday 13 May 2020

करोना से बचके रहना . रे...बाबा

लेखक : 
गिरीश जयंतीलाल शाह
पूर्व सदस्य-भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड,भारत सरकार  
एवं मैनेजिंग ट्रस्टी-राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता एनजीओ-"समस्त महाजन"


कोरोना लोकडाउन की अवधि बढ़ाकर 17 मई 2020 तक कर दी गई है और कब खत्म होगा , कुछ कहा नहीं
जा सकता है ?  यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जब तक कोई दवाई या कोई टीका नहीं तैयार हो जाता है,तब तक कोरोना का चक्र चालू रहेगा।

मान लो, लोकडाउन खुल भी गया तो भी हमें सावधानी तो रखनी ही पड़ेगी। वैसे तो अन्य बीमारी और एक्सिडेन्ट से ज्यादा लोग मरते है। इसलिए मेरा कहना है कि कुछ "करो....ना" क्योंकि , कोरोना से क्यों  डरना ? डरने की सिर्फ एक ही वजह है करोना रोग। अब सवाल है कि फिर क्या करे ? कब तक घर बैठे? विमलनाथ भगवन के स्तवन की कुछ सुंदर पंक्तिया इस प्रकार है -"अवसर पामी आलस करसे, ते मुरखमाँ पहेलोजी भूख्याने जेम घेबर देतां हाथ न मांडे घेलोजी "  अर्थात : सुंदर अवसर है,आलस करके गंवाए नहीं। जीवन अमुल्य है , आलस करके गवाए नहीं। हमारे प्यारे प्रधानमंत्रीने कहा है, योगासन, प्राणायाम, आयुर्वेद, घरेलु उपचार इन सबसे हमें  अपनी हमारी आंतरिक शक्ति बढ़ानी है।  इस संबंध में हमारे निम्नलिखित विचार है जिन्हें आप अपना कर  अपनी शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ा सकते हैं -

कुछ  आवश्यक समय सारिणी :

• सुबह ब्रह्ममुहुर्त 4.30 बजे जागृत होकर स्वस्छता के पश्चात् ध्यान-प्रतिक्रमण सामायिक करना है।
• सूर्योदय से 48 मिनिट तक योगासन सूर्य के सामने करना है। सूर्य नमस्कार करना है। खुले में,घर के आँगनमें या छत पर जाकर सूर्य की सुबह की किरणों में योगासन करने से विटामिन
  बी-12 भी मिल जायेगा।
• नवकारशी के समय ब्रश करते वक्त एक चम्मच तिल का हल्का गरम तेल लेकर तीन मिनट मुँह में घुमाए और गरम पानी से कुल्ला करे
  काढ़ा-उकाला गर्म पानी में लेना है।  सुंठ मतलब (सुकी अद्रकका पावडर) पानीमें या गुड-घी के साथ ले शकते है।  उकालेमें तुलसी,दालचीनी, काली मिर्च एवं मुनक्का डालना है।
• उसके बाद स्नान-स्वच्छ होकर इष्टदेव-परमात्माकी पूजा भक्ति करे।
• गोल्डन दूध यानि हल्दी चूर्ण डालकर 150 मिली दूध पिए।
  च्यवनप्रकाश लेना है 10 ग्राम  और
  हल्का नास्ता घर का बनाया हुआ ही खाईए।
• फिर सुबह 9 बजे अपने अपने काम में लग जाए। जैसे विद्यार्थी अभ्यासमें, स्त्रियाँ घरकाममें और पुरुष वर्ग अपने अपने बिजनेसको घर बैठे कैसे कर सकते है उसका आयोजन करे। 
  11 बजे एक लिंबू गर्म पानी में नमक- साकर- जीरा- सूंठ- मरी डालके पिए।
• दोपहर 1 बजे परिवारके साथ आन्दोत्स्वसे भोजन करे।  घर बैठे है हल्का भोजन-घर का बनाया हुआ ही खाए, बाहरका कुछ भी न खाए।
• आयुर्वेदका एक बहोत अच्छा सूत्र है – अशाकभुका मतलब भोजन में हरी सब्जीका प्रयोग कम करे। 
  भोजन बनानेमें हल्दी,जीरा धनिया का प्रयोग करे।
• भोजन के पश्चात 15 मिनिट वामकुक्षी मतलव आराम करे।
• 2.30 मुह धोकर काम पर लग जाय, या वांचन करे – अच्छी पुस्तके पढ़े।
• 4 बजे काढ़ा-उकाला पिए।
  शाम 6 बजे भोजन हल्कासा करे
  और गोल्डन दूध पिए।
• सुबह शीरामण (मतलब शीरा), दोपहर भोजन, शामको दूध के साथ भोजन स्वस्थता की ओर ले जाता है।
• 7 बजे इष्टदेवकी परमात्माकी भक्ति करे।  बादमें कुछ मनोरंजनभी हो जाए।
• 10 बजे रात्रि विश्राम करे।
  शरीरके 9 द्वार
• दांत समुद्री नमकके पावडरसे साफ करे।
• आँखमें घी के दो बूंद सुबह शाम डाले।
• नस्य –नाक के दोनों छिद्रों में सुबह-शाम तिलका तेल लगाए।
• दोनों कानमें रातको सोते वक्त हल्का गर्म तिल तेल की दो बुंद डाले।
• नाभि-मलद्वार-मूत्रद्वार पर धी के दो दो बुंद रातको सोते वक्त लगाए।
• दिनमें एक बार गरम पानी में अजवाईन डालकर भाप लें।
• खांसी या गले में खाराश हो तो लोंगके चूर्णमें गुड मिलाकर दिनमें तिन बार ले।
• सुंठ पावडर जीभ पर रखकर रस मुंहमें उतारे।
• सुंठ पावडर थोडा सा लेकर नाक से सूंघे।
• पुरे दिनमें जितनी ज्यादा मात्रामें सूंठ ले सके वो जरुर ले।
• पथादीक्वाथ + दशमूलक्वाथ निम्बत्वक का प्रक्षेप त्रिकूट ले।
• तुलसी दो चम्मच रस + दो काले मरी का पावडर सुबह शाम लेना है।
• सुबह शाम घर में धूप करे।
• धूप में गोबरके कंडे + घोड़ावज – गूगल- सरसव- नीमके पत्ते + गाय का घी डाले।
• जंकफ़ूड - ठंडे कोल्डड्रिंकस ओर फ्रिजका पानी मत पीना। 
• फ्रिजमें रखी हुई कोई भी चीज नहीं खाना।
• मुंग, मसूर, चना, कलथी का सूप लेना।
• सब्जी में कारेला, परवर, दुधी, सरगवो, हल्दी, सुंठ, फुदिना लेना।
• फल सिर्फ देशी पपैया, दाडम और आमला लेना।
• फल, सब्ज़ी,अनाज,सभी ओर्गानिक धुँड़कर खाए
• मांस, मच्छी, अंडे का त्याग करना।
  सम्पूर्ण शाकाहार अन्नाहार अपनाए
• हल्दी, नमक के गर्म पानी से कुल्ला करना।
• आर्सेनिक अल्बम 30 पोटेन्सी 4 गोली सुबह शाम सात दिन ले शकते है। 

स्वस्थ रहे , स्वस्छ रहे , नितिनियमों का पालन करे। 


संदर्भ :

1) घरेलू  उपचार पध्धति
2) आयुष विभाग भारत सरकार की एडवायसरी
3) गुजरात सरकार नियामक आयुष का परिपत्र

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