ANIMAL WELFARE

Saturday 4 April 2020

फरीदाबाद की प्रीति दुबे कोरोनावायरस "कोविड-19" के दौरान बेसहारा जानवरों की बनी मसीहा , कहा-" बेसहारा पशुओं की प्राणरक्षा को भी लोग रोकते हैं"


फरीदाबाद (हरियाणा): डॉ.आर.बी.चौधरी    

फरीदाबाद की  युवा पशु प्रेमी  प्रीति दुबे कोरोनावायरस  कोविड-19 के नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा बंद केआवाहन के बाद नियमानुसार सड़क और गली कूचे के बेसहारा पशुओं को भोजन- पानी देने में जुटी हैं औरलोगों से अपील कर रही हैं कि लोग अपने पास पड़ोस के पशु पक्षियों को चारा - दाना देते देते रहें. उन्होंने  यह भी अनुरोध किया कि इस कार्य को कदापि बंद नहीं किया जाना चाहिए.  

प्रीति का कहना है कि इस पुण्य काम में तमाम लोग बाधा डालते हैं और उन्हें न तो जीव दया से कुछ लेना-देनाहै और ना ही धरती पर मौजूद पशु- पक्षियों, पेड़-पौधों और पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए मानव अस्तित्व को बनाए रखने  रखने में  सभी का बराबर का योगदान है , ऐसे लोगों को इसका तनिक भी एहसास नहीं है. इस बारे में उनका कहना है कि लोगों में जागरूकता का अभाव है. सरकार द्वाराजन जागृति कार्यक्रम चलाने से लेकर इस दिशा में काम करने वाले लोगों को उत्साहित करने की अत्यंत आवश्यकता है. प्रीति पिछले एक दशक से जीव दया एवं पशु कल्याण के क्षेत्र में काम कर रही हैं . अपने निस्वार्थ  सेवा  और पशु प्रेम के वजह से  कैरियर बनाने के लिए सिविल सर्विस की तैयारी को छोड़कर पशु कल्याण को  जीवन का उद्देश्य बना लिया  है.

वर्तमान में  पीपल फॉर एनिमल्स नामक संस्था की एक इकाई चला रही हैं. इसके लिए उन्होंने अपने संघर्ष पूर्ण दिनचर्या से कई लोगों का दिल जीत लिया और लोगों से दान प्राप्त कर आज पशुओं के देखरेख, चिकित्सा एवं आकस्मिक सेवा की सुविधा के लिए एक शेल्टर भी बना लिया है. जहां पर एक क्लीनिक के साथ  एंबुलेंस की व्यवस्था करने में सफल  हो गई है .प्रीति अपने रोजाना के कार्यों का जिक्र करते हुए बताया कि हमारे देश में महिलाओं की एक तरफ बहुत इज्जत होती है. वेदों और पुराणों में भी मैं देवी - देवताओं के रूप में सम्मानित किया गया है. किंतु बेहद शिक्षित और पढ़े-लिखे आज के समाज में भी लोग महिलाओं की इज्जत नहीं करते और उनके द्वारा किए गए कार्यों में बाधा डालते- कई जगहों पर उन्हें पशुओं की प्राण रक्षा करने से  भी रोकते हैं, जो निहायत निंदनीय है और अमानवीय है.

पीपल फॉर एनिमल्स, फरीदाबाद  इकाई की संचालक प्रीति दुबे राज्य और केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि  जीव जंतु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960  के अनुसार पशु सेवा में लगे लोगों के कार्य में बाधा डालने वालों के प्रति सख्त कार्यवाही होनी चाहिए  और पशु कल्याण की दिशा में कार्यरत महिलाओं की आवाज  राज्य  एवं केंद्र सरकार द्वारा तत्काल सुनवाई की जानी चाहिए अन्यथा  "पशु सुरक्षा - पर्यावरण सुरक्षा" का वास्तविक उद्देश्य अपने लक्ष्य से भटक जाएगा. उन्होंने कोविड-19 से बचाव के दिशा में सरकार द्वारा जारी नियमों का प्रतिपादन करने एवं भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशन को मद्देनजर रखते हुए बेसहारा पशुओं को भोजन पानी देने की अपील की और कहा कि जितना संभव हो हर घर- हर परिवार अपने पास - पड़ोस के पशु पक्षियों को दाना -पानी देते रहें, यही हमारी धर्म और संस्कृति है जहां पग-पग पर इंसानियत का एक से एक बड़ा उदाहरण मिलेगा जिसकी समूची दुनिया कायल है.

प्रीति के उल्लेखनीय कार्यों को देखते हुए  भारत सरकार की ओर से उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से  सम्मानित किया जा चुका है. इसके साथ साथ अब तक जीव दया एवं जीव रक्षा  दर्जनों सम्मान एवं प्रमाण पत्र के लिए प्रदान किया गया है. 

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कोरोना महामारी के पीडितों की सहायता के लिये आगे आइए : गिरीश जयंतीलाल शाह

समस्त महाजन का जैन समाज से विशेष आग्रह

2 अप्रैल 2020 ; मुंबई(महाराष्ट्र)

जैन समाज के लोग अधिकांशत  लोग विभिन्न प्रकार के व्यवसायों में जुड़े हुए हैं और साथ ही दया और करुणा के क्षेत्र  में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड,भारत सरकार के सदस्य एवं समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी गिरीश जयंतीलाल शाह ने जैन समाज से आग्रह किया है कि कोरोना वायरस सेउत्पन्न संकट की परिस्तिथि में जैन समाज के दानवीर आगे आए और अपने देश की इस विपत्तिजनक स्थिति में अपने तन मन धन से किसी भी प्रकार की करोना महामारी के पीड़ितों की सहायता करें।

इस सिलसिले में  शाह ने बताया कि जैन समुदाय के मार्गदर्शको एवं आध्यात्मिक गुरुओ द्वारा  लगातार अनुरोध किया जा रहा है कि जैन समाज के सभी उद्योगपति ,श्रीसंघ एवं दानवीर अपना किसी न किसी रूप में मानवता दिखते हुए योगदान दे एवं देश की ,समाज की इस आकस्मिक चिंताजनक स्तिथि में सहायता करे। शाह यह भी बताया कि वर्तमान महामारी के इस विकट स्तिथि में जैन संघो , संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा जो भी प्राथमिक आवश्यकता और जीवन संसाधन के  किट्स की जरूरत है उसका वितरण शुरु कर दिया गया गया है और यह कार्य तब तक चलाया जाएगा जब तक इस विपदा पर नियंत्रण नहीं पा लिया जाता। 

ऐसी हालात में कोरोनावायरस से पीड़ित लोगों के लिए भोजन -पानी, सैनिटाइजर,मास्क,साबुन आदि का प्रबंध करने का आग्रह किया है। साथ ही साथ काम करने वाले कर्मचारियों को ऐसी परिस्थिति में  सभी से तनख्वाह आदि की व्यवस्था नियमित जारी रखने का अनुरोध किया जा रहा है। शाह ने जैन समाज से आग्रह किया है कि  सभी शहरों और गांवो में जो परिवारों की संघो, संस्थाओं, फाऊंडेशन, समाज द्वारा जो साधर्मिक भक्ति की जाती थी उसे चालू रखा जाय और ऐसी कठिन परिस्थिति में इन परिवारों का विशेष ध्यान रखने की जिम्मेदारी भी अच्छी तरह से निभायी जानी चाहिए।

जीवदया एवं पशु कल्याण के क्षेत्र में शाह ने अनुरोध करते हुए बताया कि गौशालाओं एवं पांजरापोल जैसी सभी संस्थाओं का भी ऐसी परिस्थिति  में विशेष ध्यान रखना अत्यंत जरुरी है ताकि जीव जंतुओं की सभी आवश्यक जरूरतों को पूरा किया जा सके । उन्होंने कहा सभी मानवतावादी लोगों को अपनी जन्मभूमि या कर्मभूमि पर दान के लिए विशेष ध्यान रखना चाहिये। जीवदया कार्य  में किए गए सभी कार्यों से हमारी सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है जिससे समाजमें सुख- शांति आती है। इसलिए व्यक्तिगत से लेकर सरकार के प्रयास को सफल बनाने की परम आवश्यकता है।

शाह ने सभी मानवता वादियों से निवेदन किया कि दान दाताओं  द्वारा जो भी दान ईकट्ठा करें उसे विभाजित कर दान दें ताकि उसका उपयोग करके कोरोना वायरस से पीड़ितों की सहायता में ठीक ढंग से लगाया जा सके ।इस समय हमें अपना दान स्थान पर देने की बजाय उसे प्रधान मंत्री राहत फंड, मुख्य मंत्री राहत फंड एवं स्वयं सेवा कार्य में संलग्न संस्थाओं के माध्यम से दान देना चाहिए। हमें आज जीव दया ,गौ संरक्षण - संवर्धन के लिए गौशालाओं तथा पांजरापोलों अथवा अन्य जीव-जंतुओं के प्राण रक्षा के लिए दान देने की परम आवश्यकता है।

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