ANIMAL WELFARE

Sunday, 9 June 2019

लखनऊ शहर में घोड़ा - गाड़ी चालकों के लिए जांच अभियान - दोषी चालकों को हिदायत - चाबुक छीने गए

रिपोर्ट : डॉ. आर. बी. चौधरी

9 जून 2019 ; लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

इस वर्ष गर्मी की मार इतनी तेज है कि  समूचे देश में पशु -पक्षियों की हालात बहुत खराब है।  राजस्थान, महाराष्ट्र तथा गुजरात जैसे तमाम राज्यों में अकाल की भयावह स्थिति बनी हुई है।  हर गांव से प्रतिदिन चारे -पानी के अभाव में पशुओं की मरने की खबर एक आम बात हो गई है। कई राज्यों में जीव जंतु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के अंतर्गत उल्लेखित उपायों के तहत चिलचिलाती गर्मी में पशुओं से काम लेना एक अपराध है और इस बात को नजर रखते हुए कई राज्यों में राज्य प्रशासन या जिला प्रशासन/जिलाधिकारी  ने चिलचिलाती धूप में पशुओं से काम लेने पर प्रतिबंध लगाया है।साथ ही साथ  पशुओं के उपयोग का समय निर्धारित किया गया है और उनके लिए चारा- दाना प्रबंधन की व्यवस्था का भी आदेश दिया है।  इसी क्रम में  उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सोसायटी फ़ार  एनिमल वेलफेयर, लखनऊ कड़ी धूप में  घोडा गाड़ी चालकों  से  जबरदस्ती काम लेने से रोकने के लिए  जांच अभियान चलाया है।

आज दोपहर में  सोसाइटी फॉर एनिमल वेलफेयर  की अध्यक्षा सबा बानो जो भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड की लखनऊ जनपद की मानद जिला जीव जंतु कल्याण अधिकारी भी हैं , ने  घोड़ों के ऊपर  होने अत्याचार को रोकने के लिए "घोड़ा अभियान" चलाए जाने की जानकारी दी। सबा ने बताया कि दुबग्गा रोड, ठाकुरगंज और टीवी टावर के पास   दोपहर 12 बजे से  2 बजे तक  घोड़ा गाड़ी  चालकों की जांच- पड़ताल की गई। इस अभियान के तहत आज मात्र 2 घोड़ा गाड़ी दिखी जिसमें से एक घोड़ा गाड़ी खाली थी और दूसरी ओवरलोड  पाई गई।  जांच के दौरान यह पाया गया कि दोनों  घोड़ा गाड़ियों के चालकों के पास -चारा पानी नहीं था। सोसायटी फॉर एनिमल वेलफेयर की ओर से घोड़ा गाड़ी चालक को कड़ी हिदायत दी गई और कहा गया कि भविष्य में जीव जंतु क्रूरता निवारण अधिनियम का पालन करें अन्यथा उनके ऊपर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। मोहित और फरहाना  के अनुसार आज घोड़ा अभियान के तहत एक घोड़े का उपचार किया जो जांच के दौरान जख्मी पाया गया।

जांच टीम के प्रदीप कुमार वर्मा ने  बताया कि संस्था ने जहां घोड़ा वाहन चालकों को एक तरफ चेतावनी दी गई वहीं दूसरी ओर  राहगीरों  को भी बताया कि जब कभी भी  ओवरलोडेड गाड़ी दिखाई दे  तो   तुरंत इसकी सूचना पुलिस और उनकी संस्था को दी जानी चाहिए ताकि उस पर सख्त कानूनी कार्यवाही किया जा सके।  रिजवान ने बताया कि अभियान के दौरान ओवरलोड वाली गाड़ियों के चालकों को हिदायत देते हुए उनसे उनकी चाबुक भी ले ली गई। संस्था के  इस अभियान  के बारे में जानकारी देते हुए  एनिमल वेलफेयर एक्टिविस्ट मनीष श्रीवास्तव तथा अमित गुप्ता ने बताया कि  घोड़ा अभियान चलाने की वजह से घोड़ा वाहन चालकों की सोच में  काफी फर्क नज़र आ रहा है इसका नतीजा है किइस समय कड़ी दोपहर में  घोड़ा गाड़ियों का संचालन काफी हद तक नियंत्रित हो गया है। अविनाश कुमार ने बताया कि सोसायटी फॉर एनिमल वेलफेयर का यह अभियान अभी इस रूट पर जारी रहेगा क्योंकि यहां से घोड़ा गाड़ियों का अक्सर आना-जाना बना रहता है।

सोसाइटी फॉर एनिमल वेलफेयर आज के इस अभियान में मनीष श्रीवास्तव, अमित गुप्ता,  अवनीश कुमार, मोहसिन सिद्दीकी,  फरहाना मलिकी, रिजवान मलिकी, प्रदीप कुमार वर्मा और शबा बानों  बानो सहित कई स्थानीय पशु प्रेमी भी शामिल थे।

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