केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार झारखंड सरकार ने जीव जंतु क्रूरता निवारण (डॉग ब्रीडिंग एवं मार्केटिंग ) नियम, 2017 एवं जीव जंतु क्रूरता निवारण(पेट शॉप) नियम, 2018 को राज्य में लागू करने का आदेश जारी किया है -झारखंड सरकार ने कहा कि नियमों का प्रतिपाल न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.......
रांची (झारखंड) 25 मई, 2020 : एनिमल वेलफेयर ब्यूरो
इस महीने की शुरुआत में भारत सरकार की ओर से भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर के यह अवगत कराया कि केंद्र सरकार ने जीव जंतु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत जीव जंतु क्रूरता निवारण (डॉग ब्रीडिंग एंड मार्केटिंग ) नियम, 2017 एवं जीव जंतु क्रूरता निवारण(पेटशॉप) नियम 2018 पास कराया है ताकि पालतू पशुओं पर होने वाले अपराध को रोका जा सके। पत्र में यह भी दर्शाया गया है कि राज्य सरकारों कोइस संबंध में मार्च महीने में पत्र लिखकरयह अवगत कराया गया था किलाफ डाउन के दौरानपशु पक्षियों के विक्रेताओं द्वाराउनकी देखभाल न कर पानेऔर बंदी बनाए रखने के कारण तमामजूनोटिक बीमारियां होने की संभावना है।
साथ साथ पशुओं कोलव डाउन के दौरान भोजन पानी की व्यवस्थाना करने से उनका जीवन सिर्फ यात्रा पूर्ण ही नहीं है बल्कि उनकी जान जोखिम में है। इसलि केंद्र ने इस माह के शुरुआत में राज्य सरकारों को पत्र लिखकर निर्देशित किया किउपरोक्त दोनों नियमों का प्रति पालन सुनिश्चित किया जाए। लव डाउन के नियमों को मद्दे नजर रखते हुए नियम के सारे निर्देशों का पालन किया जाए। पत्र में यह बड़े स्पष्ट तौर पर कहा गया है किपशु पक्षियों के बेचे जाने वाले दुकानदारों को खोलने की अनुमति पंजीकरण के बाद ही प्रदान किया जाए।
इस दिशा में झारखंड जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने अधिसूचना जारी कर सभी पशु पक्षियों के दुकानदारों को आगाह किया है कि वह नियमों का अच्छा सा पालन करें। झारखंड राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड के द्वारा जारी उपरोक्त दोनों नियमों के सारांश नीचे दिए जा रहे हैं -
अ)झारखंड जीव जंतु कल्याण बोर्ड द्वारा जीव जंतु क्रूरता निवारण(पेट शॉप) नियम 2018 के तहत जारी प्रमुख आदेश -
1)प्रत्येक ‘‘पालतू पशु दुकान:- किसी भी परिसर, बाजार, दुकान, घर, स्थान अथवा आॅनलाइन प्लेटफर्म जहाँ पालतू पशुओं का खूदरा, थोक विक्रय किया जाता है का राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखण्ड अन्तर्गत पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
2)पालतू पशु दूकान द्वारा प्रत्येक ‘‘पालतू पशु:- जिसके अंतर्गत कुत्ता, बिल्ली, खरगोश, गिन्नी पिग, हैमस्टर, मूसक या चूहिया प्रवर्ग के कृतंक तथा पिंजरबंद पक्षी (वन्य जीव अधिनियम से मुक्त पक्षी) की आयु से संबंधित रिकाॅर्ड को पशुचिकित्सक से प्रमाणित कराकर सुरक्षित रखना एवं विक्रय करना है।
3)राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखण्ड द्वारा निर्गत विहित प्रपत्र में आवेदनकरता द्वारा रू॰ 5,000/-(पाँच हजार रूपये) का डिमाण्ड ड्राफ्ट राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखण्ड, राँची के नाम से अपना आवेदन कार्यालय पता पर देय होगा।
4)राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड,झारखंड मे पंजीकरण के लिए आए आवेदन पर पालतू पशु दुकान के निरीक्षण के पश्चात् जो सारी नियमों एवं अपेक्षाओं को पुरा करते है, उन्हें ही पंजीकरण प्रमाण पत्र निदेशक, (निबंधन पदाधिकारी) राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखण्ड द्वारा जारी की जाएगी साथ ही किसी भी व्यक्ति की असत्य सुचना पर एवं पशुओं के प्रति क्रूरता करते हुए दोशी पाए जाने पर पंजीकरण रद्द की जाएगी।
5)पालतू पशु का विक्रय से पूर्व चिकित्सा के समस्त अभिलेखों जैसे, टीकाकरण, चिकित्सा, विकृमिकरण एवं बेचे गए प्रत्येक पालतू पशु से संबंधित सूचना जैसे प्रजाति, संख्या, कीमत, अरोग्य/पंजीकरण प्रमाण पत्र, पशुचिकित्सक का नाम पता तथा दुरभाष संख्या से संबंधी रिकार्ड को सुरक्षित रखते हुए दुकान पर प्रदर्शित भी करेंगे।
5)पंजीकृत पशुचिकित्सक द्वारा प्रत्येक माह पालतू पशु का जाँच कर अरोग्य प्रमाण पत्र संधारित करना एवं स्वस्थ घोषित पालतू पशु का विक्रय करना है।
6)स्तन्यपानी पशु या अप्राप्तव्य पशुओं या पक्षियों, ग्याभीन पालतू पशु या तरूण की देखभाल करने वाले मादाओं का विक्रय नहीं करेंगे साथ ही किसी भी पशु या पक्षी को दुकानों पर या उनके बाहर या खिड़की में भी प्रदर्शित नहीं करेंगे।
7)पालतू पशुओं हेतु स्वच्छ पेयजल, आहार, साफ-सफाई, मल-मूत्र विस्तारण व्यवस्था, रात में देखभाल हेतु पर्याप्त परिचर एवं पालतू पशु जो एक दूसरे के प्रति विद्वेष रखते है को बाडो में प्रदर्शित/नहीं करेंगे साथ ही अग्नि दुर्घटना, अन्य पशुओं से आक्रमण से बचाव/संरक्षा के लिए सभी आवश्यक पूर्व सावधानी रखेंगे।
8)पालतू पशु दुकान में मानव उपभोग (भोजन, चमडी तथा उत्साधनों) के लिए प्रयुक्त किसी पशु का विक्रय नहीं करेंगे।
9)प्रत्येक पालतू पशु दुकान स्वामी-पशुओं को देखभाल/संभालने के लिए प्रशिक्षित व्यक्ति एवं पर्याप्त मात्रा में रखना है।
10)पालतू पशु दुकान स्वामी किसी जुनोटिक या संसारगिरक बिमारी या संर्कमक के प्रकोप की सूचना स्थानीय पशुचिकित्सक, जिला पशु क्रूरता निवारण समिति, राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखण्ड एवं कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (पशुपालन प्रभाग) को लिखित सूचना देगें।
11)प्रत्येक पालतू पशु दुकान स्वामी-बीमार पशु एवं नए लाए गए पालतू पशु को पृथक करने के लिए संगरोध या एकांतवास केंद्र की व्यवस्था एवं उसमें प्रयोग किए गए उपस्कर और आद्यानों को पृथक और सुभिन्नतः करेंगे तथा बीमार पशु को हटाने पर उसे पूर्ण विसंक्रमित करना है।
12)पालतू पशु दुकान स्वामी असाध्य बीमार या घातक रूप से घायल पालतू पशु को पशुचिकित्सक द्व़ारा सुख मृत्यु दिलाएगा, मृत पशु के शव को अतिशीघ्र हटाना एवं उसका अभिलेख रखेगा तथा राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड को सूचित करेगा।
13)पालतू पशु दुकान में अंग विच्छेदित पालतू पशुओं (यथा श्वान पशुओं की पूँछ काटना कान काटने , धवनी अवरोध शल्य क्रिया, डीबीकिंग सर्जरी अथवा अन्य प्रकार के अंग विच्छेदन आदि) का विक्रय नहीं किया जाएगा तथापि आवश्यक उपचारात्मक शल्य चिकित्सा की पशुचिकित्सक के नुस्खे पर छूट होगी।
14)पालतू पशु दुकान में क्रियात्मक माइक्रोचिप रहना अनिवार्य है एवं पशुचिकित्सक द्वारा माइक्रोचिप लगे पिल्लो को ही विक्रय किया जाएगा.
15)सोलह सप्ताह से अधिक आयु के पिल्ले और पशुओं के विभिन्न प्रजातियो का आयु प्रमाण पत्र पशु चिकित्सा द्वारा हस्ताक्षरित, प्रमाणित एवं संधारित रखना है साथ ही विक्रय के लिए प्रदर्शित पशु के तीन माह बीत जाने के बाद अविक्रीत पालतू पशु का रजिस्ट्रर में प्रविष्ट करना एवं उसको गली में या अन्यत्र कहीं त्याग नहीं करना है।
16)पशु दुकान स्वामी यदि ग्रूमिंग सर्विस खरहरा सेवाओं प्रदान करने के लिए आवेदन में उल्लेख करेगा एवं ग्रूमिंग एरिया - प्राथमिक पशु बाडों और पशुचारा भंडारण से अलग रखेगा।
17)पशु क्षेत्रों में पेट प्रोडक्ट और साज सामान को खुदरा या थोक विक्रय के लिए कदापि नहीं रखना है साथ ही पशु दुकान स्वामी निःशुल्क पशु क्रेता को पेट केयर लीफलेट पशु का / ट्रेट एवं बिहेवियर पैटर्न की जानकारी देना है।
18)पालतू पशु का विक्रय केवल व्यस्क व्यक्ति के साथ किया जाएगा एवं विक्रय किए गए पशु का रसिद की प्रति दुकान में रखी जाएगी।
19)पालतू पशु दुकान स्वामी राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखण्ड से निबंधित प्रजनक से प्राप्त पालतू पशु का विक्रय करेगा ।
20)प्रत्येक तीन माह के अन्तराल में जिला पशुपालन पदाधिकारी/क्षेत्रीय निदेशक, पशुपालन अपने क्षेत्रान्तर्गत पदस्थापित पशुचिकित्सक के माध्यम से पालतू पशु दुकान का निरीक्षण कर सूचना विहित प्रपत्र में राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखण्ड को उपलब्ध कराये।
बी)जीव जंतु क्रूरता निवारण (डॉग ब्रीडिंग एंड मार्केटिंग ) नियम, 2017 के तहत महत्वपुर्ण दिशा निर्देश -
1)प्रत्येक डाॅग ब्रीडर्स द्वारा राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखण्ड अन्तर्गत पंजीकरण कराया जाना अनिवार्य है।
2)राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखण्ड द्वारा निर्गत विहित प्रपत्र में आवेदनकरता द्वारा अपना आवेदन कार्यालय पता पर देय होगा।
3)आवेदन के साथ आवेदक द्वारा रू 5,000/-(पाँच हजार रूपये) का डिमाण्ड ड्राफ्ट राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखण्ड, राँची के नाम से देय होगा।
4)राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड रजिस्ट्रीकरण के लिए किसी आवेदन की प्राप्ति पर प्रजणक के स्थान पर बोर्ड द्वारा गठित समिति के निरीक्षण के पश्चात प्राप्त आवेदन पर विचारोपरान्त समाधान होने पर ही प्रजनक और स्थापन इन नियमों के अधीन विनिदृष्ट अपेक्षाओं को पूरा करते हैं तब हीं रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र निदेशक, पशुपालन-सह-सदस्य सचिव (निबंधन पदाधिकारी), राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखण्ड द्वारा जारी की जाएगी।
5)पजीकरण प्रमाण पत्र को डाॅग ब्रीडिंग सेन्टर पर प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य है।
6)कोई भी व्यक्ति असत्य सुचनाऐ देने अथवा पशुओं के प्रति क्रूरता के प्रकरण में सिद्धदोषी पाये जाने पर पंजीकरण हेतु अयोग्य होगा।
7)पंजीकृत पशुचिकित्सक द्वारा स्वस्थ घोषित श्वानपशु ही ब्रीडिंग के लिए उपयोग किया जाएगा ।
8)न्युनतम डेढ (1. 5) वर्ष तथा अधिकतम आठ (8) वर्ष आयु की मादा श्वानपशुओं को ही ब्रीडिंग के लिए उपयोग किया जायेगा। साथ ही न्युनतम डेढ (1. 5) वर्ष आयु के उपरान्त ही नर श्वानपशु को प्रजनन हेतु उपयोग किया जाएगा।
9)डाॅग ब्रीडर्स द्वारा प्रत्येक श्वानपशु की आयु से संबंधित रिकार्ड को पशुचिकित्सक से प्रमाणित कराकर सुरक्षित राखा जाएगा ।
10)मादा श्वानपशु से एक वर्ष में अधिकतम एक बार ही ब्रीडिंग करायी जाएगी।
11)मादा श्वानपशु से निरंतर दो ब्रीडिंग सीजन में ब्रीडिंग कराया जाना अवैध है।
12)मादा श्वानपशु से जीवन काल में अधिकतम पाँच बार ही ब्रीडिंग करायी जाएगी।
13)मादा श्वानपशुओं के गर्भाधान हेतु Artificial Insemination अथवा Rape Stand Technique का उपयोग कराया जाना अवैध है।
14)मादा श्वानपशु का अन्तः प्रजनन (Inbreeding) एवं सगोत्र प्रजनन (Incest breeding) कराया जाना अवैध है।
15)श्वानपशुओं की पॅुछ काटने (Docking), कान काटने (Cropping), ध्वनि अवरोध शल्य क्रिया (Debarking, Surgery), अथवा अन्य प्रकार के अंग विच्छेदन (Declawing/Branding /Dyeing) या श्वान पशुओं को अनोखा दिखाए जाने हेतु कृत्रिम संसाधनो/शल्यचिकित्सा अवैध हैं।
16)आठ (8) सप्ताह से कम आयु वर्ग के शिशु श्वानपशु विक्रय किया जाना अवैध है।
17)प्रत्येक शिशु श्वानपशु के विक्रय से पूर्व माईक्रोचिप लगाना, आवश्यक टीकाकरण तथा विकृमिकरण करना तथा चिकित्सा के समस्त अभिलेखों को पशु क्रेता को उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
18)डाॅग ब्रीडर द्वारा बेचे गये प्रत्येक श्वानपशु से सम्बन्धित टीकाकरण, चिकित्सा, विकृमिकरण, पशुचिकित्सक का नाम, पता तथा दुरभाष संख्या से सम्बन्धित रिकार्ड सुरक्षित रखा जाना अनिवार्य
हैं।
19)शिशुश्वानपशुओं के विक्रय हेतु जनसामान्य को प्रदर्शन (Public Display for Sale), किया जाना अबैध हैं।
स ) कोरोना महामारी covid-19 की रोकथाम हेतु तालाबन्दी में छुट के उपरांत, वैधानिक रूप से अपंजीकृत डाग ब्रीडिंग सेन्टर तथा अपंजीकृत पेट शाप को खोले जाने की अनुमति न दिये जाने के संबंध में निर्देश जारी किया गया -
1 )इस संबंध में उनहोने अवगत कराया है कि Dog Breeders एवं Pet Shops द्वारा बहुधा पशुओं के प्रति क्रूरता के निवारण से सम्बन्धित कानूनी प्रावधानों तथा उपभोक्तओं के संरक्षण से सम्बन्धित अनेकों कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया जाता है जैसे, विक्रय किये गये शिशुश्वान पशुआं के भुगतान की रसीद न देना, शिशुश्वान पशुओं को आठ हफ्ते की आयु से पहले ही बिना टीकाकरण कराये विक्रय कर देना, मादा श्वानपशुओं से वर्ष में दो बार गाभिन करवाना, आठ वर्ष से अधिक आयु वर्ग की मादा श्वानपशुओं को प्रजनन हेतु प्रयोग में लाना, स्वयं ही अवैध झोलाछाप डाक्टर के रूप में औषधियों का पशुओं पर दुरुपयोग करना, अनाधिकार टीकाकरण, अनेकों प्रकार की कास्मेटिक शल्य क्रियाएं करना एवं अवांछित तथा विक्रय न हो पाने वाले श्वानपशुओं/शिशुपशुओं को परित्यक्त करना, पशुओं की उचित चिकित्सा टीकाकरण न कराते हुए पशु रोगों तथा पशुजन्य मानव रोगों का प्रसार करना एवं अनेकों प्रकार की अवैध गतिविधियां आदि कार्य सम्मिलित होता है।
2 ) Dog Breeding Centers तथा Pet Shops द्वारा विधिमान्य रीति से ही व्यवसाय सुनिश्चित किये जाने हेतु इनको Dog Breeding and Marketing Rules, 2017 एवं Pet Shops Rules, 2018 अन्तर्गत पंजीकृत कराया जाना अपेक्षित है। इस निमित विभागीय पत्रांक-89 दिनांक-12-09-2018 एवं पत्रांक-186 दिनांक-18-11-2019 द्वारा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से विज्ञापन प्रकाशन कर राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड से Dog Breeding Centers एवं Pet Shops का निबंधन कराना सुनिश्चित किये जाने की अपील की गई है अन्यथा नियमाकुल कार्रवाई का प्रावधान है।
3 )उल्लेखनीय है कि Dog Breeding and Marketing Rules, 2017 भारत सरकार के वेबसाइट “egazette.nic.in” पर दिनांक-23 मई 2017 के आसाधरण गजट (Issue no.-397) एवं Pet Shops Rules, 2018 दिनांक-6 सितम्बर 2018 के आसाधरण गजट (Issue no.-619) के रूप में उपलब्ध है। साथ ही कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, (पशुपालन प्रभाग) झारखण्ड, राँची के website “jharkhand.gov.in/animal-husbandry” पर भी उपलब्ध है जिससे उक्त अधिसूचना की प्रति download की जा सकती है।
4 ) विदित हो कि पशु क्रूरता निवारण Pet Shop Rule 2018 के नियम 4 (5)के प्रावधान के अनुसार राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखण्ड से निबंधन अनिवार्य है एवं प्रत्येक पालतू पशु दूकान का प्रमाण पत्र निर्गत किया जाना है तथा नियम-3 के तहत बिना निबंधन के पालतू पशु दूकान को बंद कराने का प्रावधान है। साथ ही पशु के क्रूरता (Dog Breeding and Marketing Rules, 2017) के नियम-3 के अनुसार राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखण्ड में बिना निबंधन के Dog Breeding Centre को बन्द कराने का प्रावधान है। उक्त नियमों के अनुपालन हेतु भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के द्वारा भी Pet Shop and Dog Breeding Establishment के लिए राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखण्ड से निबंधन कराने का निर्देश दिया गया है एवं वैधानिक रूप से अपंजीकृत डाग ब्रीडिंग सेन्टर तथा अपंजीकृत पेट शाप को खोले जाने की अनुमति न दी जाय निदेशित है।
5 ) सभी उपायुक्त झारखण्ड को निर्देशित है कि वैधानिक रूप से अपंजीकृत डाग ब्रीडिंग सेन्टर तथा अपंजीकृत पेट शाप को खोले जाने की अनुमति न दी जाय तथा पुलिस प्रशासन एवं पशुपालन विभाग के संयुक्त जांच दल के माध्यम से अपंजीकृत प्रतिष्ठानों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
झारखंड सरकार द्वारा जारी विशेष दिशा निर्देश :
झारखंड राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने पशु विक्रेता दुकानदारों से अपीलकी है कि धोखाधड़ी एवं पशुओं के प्रति छेड़-छाड़ या क्रूरता पाई गई तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही साथ अनुरोध किया गया है कि पशुओं से होने वाली जूनोटिक बीमारी का ध्यान रखा जाए और उनकी रोकथाम हेतु पंजीकृत पालतू पशु दुकान/ट्रेडर्स से ही पशु पक्षियों को खरीदा जाए।इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए संपर्क सूत्र है :
निदेशक -पशुपालन , पशुपालन भवन, पशुपालन निदेशालय, झारखण्ड़, हेसाग, हटिया, राँची, पिन -834003 अथवा कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग,झारखण्ड सरकार , दुरभाष-0651.-2290033 E-mail: ahdJharkhand@gmail.com / awbJharkhand@gmail.com
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